Admission-Rule

Admission-Rule

प्रवेश सम्बन्धी नियम
  • 1. स्नाकोत्तर स्तर पर इच्छित विषय के अतिरिक्त अन्य विषय में प्रवेश चाहने की संभावना को देखते हुये प्रार्थी अन्य विषय में भी आवेदन -पत्र भरे , क्योकि आवेदन -पत्र का स्थानान्तरण एक विषय से दूसरे विषय से दूसरे विषय में नहीं होगा ।
  • 2. प्रवेश परिस्थिति में अन्य विषय में स्थान उपलब्ध होने पर दिया जा सकता है ।
  • 3. स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद एक वर्ष से अधिक का अन्तराल ( गैप) होन पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा । अन्तराल का आकलन आवेदित कक्षा में प्रवेश हेतु न्यूनतम अर्ह परीक्षा में उत्तीर्ण वर्ष से किया जाएगा । अन्तराल वाले अभ्यार्थी को नोटरी से , सम्बंधित अवधि का शपथ पत्र बनवाकर प्रस्तुत करना आवश्यक है। यदि किसी अभ्यार्थी का शपथ -पत्र झूठ पाया गया तो उसके विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही होगी ।
  • 4. उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों से माध्यमिक /स्नातक या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण प्रवेशार्थियों के आवेदन पत्र पर उत्तर प्रदेश से माध्यमिक / स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अर्ह प्रवेशार्थीओ की अनुपलब्धता पर स्थान रिक्त होने की स्थिति में ही प्रवेश पर विचार संभव हो सकेगा |
  • 5. किसी कक्षा में प्रवेश लेकर उसी परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने या परीक्षा छोड़ देने वाले विछार्थी को पुन : उसी कक्षा में या अन्य विषय की कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  • विषय बदलकर उसी कक्षा में पुन: प्रवेश नहीं दिया जायेगा जिसकी परीक्षा विछार्थी एक बार उत्तीर्ण कर चूका है ।
  • 6. शासन द्वारा निर्धारित प्रवेश आरक्षण नियमो का पालन किया जाएगा।
  • 7. बी० ए ० प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिये इण्टरमीडिएट परीक्षा में ४० % अंक प्राप्त होना अनिवार्य होगा ४० % आवेदन -पत्र भरने की न्यूनतम अर्हता है , जिसका यह तात्पर्य कदापि नहीं है की सभी को प्रवेश दिया जाएगा। सीट की उपलब्धता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा ।
  • 8. इस महाविद्यालय / अन्य राजकीय महाविद्यालय / उच्चशिक्षा निदेशालय / क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत किसी अधिकारी / कर्मचारी के पुत्री , पत्नी तथा बहन को अनिवार्य न्यूनतम अर्हता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा |
  • 9. प्रवेशार्थिनी सोच -विचार कर विषयो का चयन करे । प्रवेश के पाश्चात्य विषय परिवर्तन नहीं किया जाएगा ।
  • 10. अनुचित साधन का प्रयोग करने वाले अवांछित गतिविधिया में सम्मिलित रहने वाले छात्रा को प्रवेश नहीं दिया जायेगा ।
  • जिस छात्रा पर भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत किसी न्यायलय में मुकदमा चल रहा हो या दण्ड प्राप्त हुआ हो उसे प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
  • 11.अपूर्ण आवेदन -पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा । गलत सुचना देने या किसी तथ्य को छिपाने पर अन्य त्रुटिपूर्ण करने से हुए प्रवेश को निरस्त कर दिया जाएगा|
  • 12. प्राचार्य बिना कारण बताए कोई प्रवेश अस्वीकार या निरस्त कर सकते है |
  • 13. उ,प्र , स्टेट यूनी , एक्ट १९७३ की अनु ८ की धरा ८५ उपधारा के अनुसार कार्य एव व्यवहार असंतोषजनक होने पर किसी भी छात्रा को निष्कासित किया जा सकता है ।
  • 14. विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा ६९ के अनुसार किसी भी न्यायालय को प्रवेश सम्बन्धी मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है ।
  • 15. योग्यता -अनुक्रमणी में वरीयता क्रम के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा ।
  • 16. स्नातक में प्रवेश हेतु योग्यता - अनुक्रमणी का निमार्ण निम्नवत होगा -
इण्टरमीडिएट परीक्षा का प्राप्तांक अधिभार का अंक

विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश हेतु प्राचार्य द्वारा समितियां गठित की जा प्रवेशार्थियों को साक्षत्कार हेतु निर्देश प्राप्त करेंगी तथा तदनुरूप साक्षात्कार एव मूल प्रमाण -पत्रों की जांच करेगी। साक्षात्कार हेतु प्रवेशार्थियों को सभी संलग्नको के मूल प्रमाण -पत्रों को साथ उपस्थित होना अनिवार्य होगा । प्रवेश चयन समिति प्रवेशार्थियों का साक्षात्कार करके अपनी संस्तुति प्राचार्य को देगी और उसकी सूची सूचना -पट्ट पर लगा दी जायेगी। निर्धारित तिथि तक कार्यलय में पूर्ण शुल्क जमा करना होगा । ऐसा न करने पर प्रवेश स्वत: निरस्त हो जायेगा । प्रवेश देने का पूर्ण अधिकार प्राचार्य का है । वे बिना कारन प्रवेश अस्वीकृत कर सकते है साक्षत्कार हेतु किसी प्रकार का यात्रा भत्ता देय नहीं होगा |

  • 1. शासन या विश्वविद्यालय द्वारा यदि कोई शुल्क बढ़ाया जाता है तो बढ़ी हुई दर से ही शुल्क जमा की जाएगी।
  • 2. द्वितीय एव तृतीय वर्ष की छात्राओं से परिचय - पत्र एव काशनमनी शुल्क जमा नहीं जाएंगे ।
  • 3. प्रयोगशाला शुल्क प्रति प्रयोगात्मक 240.00 ( रु दो सौ चालीस मात्र ) जमा करना होगा ।
  • प्रतिभूति की धनराशि महाविद्यालय छोड़ने के तीन माह बाद वापस ली जा सकती है इसके लिये महाविद्यालय कार्यालय से उचित प्रपत्र प्राप्त कर आवेदन करना होगा । प्रतिभूति धनराशि लौटने की कार्यवाही प्रतिवर्ष अक्टूबर के बाद होगी । आवेदन प्रपत्र में शुल्क की रसीद संलग्न करना आवश्यक है । तीन वर्ष की अवधि के भीतर आवेदन न करने पर यह धन कालातीत होकर महाविद्यालय कोष में जमा हो जायेगा।